अरंडी की खेती कैसे करे

हमारा आज का विषय है आर एन डी की खेती कैसे करें किसान?

अरंडी की खेती कैसे करे

भाइयों की गिनती तेल वाली फसलों में होती है। अरंडी तेल का इस्तेमाल डाइ, डिटर्जेंट, दवाएं, प्लास्टिक के सामान, स्याही पॉलिश, बेंट और डुप्लीकेट वगैरह बनाने में होता है।

आयरन की खेती सभी प्रकार की जलवायु में की जा सकती है। अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी होती है। आप बेकार पड़ी भूमि पर भी अरंडी की खेती करके आसानी से पैसे कमा सकते हैं। 

खेत की तैयारी अरंडी का खेत तैयार करने के लिए पहले एक गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें और उसके बाद दो से तीन चौताई।

या देसी हल से करें बुआई की विधि समान तौर पर सिंचित और असिंचित क्षेत्रों में पौधों के बीच की दूरी 90 सेंटीमीटर 60 सेंटीमीटर रखे। आर एन बी की संकर किस मुह में सिंचित स्थितियों के लिए ये दूरी 150 सेंटीमीटर, घोड़े 120 सेंटीमीटर और असिंचित स्थितियों के लिए ये दूरी 120 सेंटीमीटर बुरे। 90 सेंटीमीटर होनी चाहिए।

बीज को चार से छह सेंटीमीटर की गहराई पर बोएं और हर क्षेत्र में एक बीज डाले। बीज दर।

आम तौर पर एक हेक्टेयर में बुआई के लिए 10 किलोग्राम, 20 प्रति हेक्टेयर और उन्नत किस्मों के लिए पांच किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर रखे। देशी किस्मों की तुलना में संकल्प किस्मों की उत्पादन क्षमता कहीं ज्यादा होती है।

इसलिए आपको अपनी आवश्यकता और क्षेत्र की जलवायु के मुताबिक अरण्य की संकट किस्मों जैसे की 181018111812 और 1814 का चुनाव करना चाहिए। 

बीज उपचार।

बीज उपचार के लिए बीजों को कार्बेंडाजिम दो ग्राम। प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करें। बीज को 20 घंटे के लिए पानी में भिगो दे। असिंचित स्थितियों में 3 घंटे के लिए 1% पोटैशियम क्लोराइड के साथ बीच की प्राइमिंग करें और मानसून की शुरुआत से एक सप्ताह पहले बुवाई अवश्य कर दें।

खाद और उर्वरक वोई के 20-30 दिन पहले खेत में 100 क्विंटल कम्पोस्ट मिला। दे। आर एन डी की अच्छी फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 40 किलो नाइट्रोजन, 20 किलो फास्फोरस और 20 किलो पोटाश की जरूरत होती है, जिसमे से नाइट्रोजन की आंधी, मात्रा, फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा खेत की अंतिम के समय खेत में मिला दे। नाइट्रोजन की बाकी आंधी मात्रा

पौधों में फूल लगने से समय सिंचाई के साथ है। इंटर क्रॉपिंग इंटर क्रॉपिंग के लिए दो फसलों को एक साथ लगाएं। मूंगफली की हर छह पंक्तियों के बीच में करण भी की एक पंक्ति लगाएं। सिंचित स्थिति में अरंडी को प्याज के साथ एक अनुपात दो अरपांत में लगा सकते हैं।

 खरपतवार नियंत्रण

 खरपतवार नियंत्रण के लिए बुआई के तुरंत बाद फसल में तीन लीटर प्रति हेक्टेयर पेंडिंग या फ्लूक्लोरेलिन दो लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। इसके बाद बीसवें या चालीसवें दिन पर।

दो बार हाथ से निराई करे। जब तक गैरॅन्टी का पौधा करीब दो फुट का ना हो जाये और पौधे अपने की दूरी को ना ढक ले तब तक आपको खेत की निराई गोराई करते रहना है।

FAQ:-

अरंडी की फलियों को उगने में कितना समय लगता है?

140 से 180 दिन

अरंडी किस मौसम में बढ़ती है?

ख़रीफ़ सीज़न

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