गन्ने में कल्ले बढ़ाने की दवा

दोस्तों आज हम गन्ने की पौधा में पेड़ी फसल में टिलरिंग यानी कल्लू की भूटान की संख्या बढ़ाने के लिए स्प्रे जमीन के लिए ऐसी दवाओं व खाद रोगों के बारे में बात करेंगे, जिनका प्रयोग करने से गन्ने की सभी कीट बीमारियां खत्म होने के साथ ही साथ कल्लों की उड़ान की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। वह दोस्तों गन्ने में यह फ़ॉर्मूला वर्क करेगा। 

गन्ने में कल्ले बढ़ाने की दवा

दोस्तों। इसके लिए हम गन्ने में पांच चीजों का कॉम्बिनेशन करके एक साथ देंगे। जिसमे पहला यूरिया, एन पी के दूसरा जैविक, तीसरा कीटनाशक, चौथा बहुनाशक, पांचवा टोनीक दोस्तों इनके कामों के बारे में बात करे तो यूरिया, जैविक खाद एन पी के वेटोनिक टिलरिंग की संख्या में बढ़ोतरी करेंगे। कीटनाशक से सभी रसोई से कीट तनाछक सूट बोरर व सभी इलों का खात्मा होगा। वह प्रभु नासिक से गन्ने की फसल के सभी सामान्य रोग कंट्रोल होंगे।

दोस्तों स्प्रे की दवाओं के बारे में बात करे तो एक लीटर पानी में छह ग्राम एन पी के 19192 एम एल ईसा बियोन, मैक्रीना बायोविटा या सागरिका लिक्विडोनिक में से कोई एक दो ग्राम यु पी एल का साप या कार्बेंडाजिम प्लस मेनकोजेब बस साथ में सीजेंटा की अलिका को 15 लीटर पानी में 10 एम एल के हिसाब से मिलाकर स्प्रे करना है। इसके बाद दोस्तों अगले दिन निम्न दुआओं को सिंचाई जल के साथ में देना है, जिनमें एक एकड़ के अंदर ढ़ाई से चार किलो सीज़नटा का बेटा को चार से पांच किलो दानेदार बायोवेटा या सागरिका, 35 किलोमीटर किलोग्राम यूरिया से पांच किलो 80% डब्ल्यू जी वाला सल्पर जो मार्केट में आदि नामों से आता है। इन चारों को सिंचाई जल के साथ में देना है। इसके अलावा दोस्तों एक महत्वपूर्ण काम और करना है, जिसमे गन्ने की फसल के अंदर दो से तीन टिलर यानी गल्ले निकलने के बाद सबसे पहले निकली टिलर यानी गल्ले जिसे मदर सूट के नाम से जाना जाता है। इसे जमीन के एक इंच ऊपर से तोड़ देना है। यह करने से भी कल्लों की संख्या में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा दोस्तों स्प्रे के समय सावधानियों के बारे में बात करें तो स्प्रे की सभी दवाइयों का गोल अलग अलग बर्तनो में बनाना है।

गन्ने में कल्ले बढ़ाने की दवा

पहले स्प्रे टंकी को पानी से बनने के बाद फिर एक एक करके सभी दुआओं को स्पे की टंकी में मिलाकर स्प्रे कर देना है। स्प्रे शाम के समय 4:05 बजे करना है। वह अगले दिन पानी पिलाना है, जिसमें सभी जमीन की दवाओं का प्रयोग करना है। इस प्रकार दोस्तों यह फ़ॉर्मूला अपनाने पर गन्ने की फसल में परसेंट जबरदस्त बढ़ोतरी के साथ ही साथ टिलर यानी कल्लों की संख्या में भी बहुत ज्यादा बढ़ोतरी होगी। 

इसे भी पढ़ें:-डीएपी खाद के नुकसान

FAQ:-

1 एकड़ में गन्ने का कितना उत्पादन होता है?

350 क्विंटल

1 बीघा में कितना गन्ना बोया जाता है?

135 कुंतल

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