Arahar ki unnat kism | अरहर की उन्नत किस्में

 अरहर की उन्नत किस्में

किसान भाइयों, नमस्कार आज हम बात करेंगे अरहर की खेती के बारे में, आज आपको बताऊंगा कि अरहर की खेती करते वक्त आपको कौन से किस्मों का चुनाव करना चाहिए, जी हां, अरहर की बेस्ट किस्मों के बारे में आज हम चर्चा करेंगे, मैं डिटेल में आपको बताऊंगा कि उन किस्मों के नाम क्या है, कौन सी कंपनी की वो किस्म है? उसका सीड रेट यानी बीज दर आपको कितना लेना है, उस किस्म की विशेषताएं क्या-क्या है? इसीलिए किसान भाइयों, अगर आप आने वाले खरीफ के मौसम में अरहर की खेती करने वाले हो तो खासकर आपके लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है किसान भाइयों भारत में हम खासकर अगर दालों की खेती का उत्पादन देखें तो लगभग सबसे ज्यादा उत्पादन है अरहर का और पूरी दुनिया का उत्पादन देखें तो लगभग 85% अरहर का उत्पादन केवल हमारे भारत में होता है अधर की बात करें तो उसमें प्रोटीन, खनीज, कार्बोहाइड्रेट, लोह, कैल्शियम आदि पोषक तत्व बहुत ही ज्यादा मात्रा में होते हैं, भारत में अरहर की खेती देखा जाए तो महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात इन प्रमुख राज्यों में दिखाई देती है, अब आते है है हमारे प्रमुख मुद्दे के ऊपर अरहर की मुख्य किस्में जो आपको देगी काफी कम खर्चे में अधिक उत्पादन कौन सी है

अरहर की उन्नत किस्में


श्री गणेश तूर

 सबसे पहले नंबर पे आता है।श्री कंपनी का श्री गणेश तूर इस किस्म का फसल अवधि अगर हम देखें तो लगभग 170 से लेके 180 दिन का है किसान भाइयों ये किस्म खासकर रबी के लिए अनुशंसित है लेकिन कई सारे किसान इसका इसकी बुवाई खरीफ मौसम में भी करते हैं ये किस्म खासकर मोजाक वायरस उकटा रोग और पाउडरी फपंदी रोग के लिए प्रतिरोधक किस्म मानी जाती है और उसकी उपज भी बहुत ही अच्छी है, अब बात करते हैं

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 अंकुर सीज

हमारी दूसरी किस्म के बारे में जिसका नाम है अंकुर सीज की अंकुर चारू करके बहुत ही अच्छी वैरायटी है किसान भाइयों, इसका फसल अवधि अगर हम देखें तो लगभग 155 दिन से लेकर 160 दिन का है, इसकी विशेषता अगर हम देखें तो ये रब्बी मौसम के लिए बहुत ही अच्छी किस्म है, उकटा रोग के लिए अत्याधिक प्रतिरोधी किस्म मानी जाती है, साथ ही भूरे रंग के इसके मोटे दाने हमें मिलते हैं और इसकी जो फलियां होती है वो पूरी धारियों वाली फलियां होती है किसान भाइयों इसकी खेती अगर देखें हम इसका बुवाई का समय अगर देखें इस किस्म का तो लगभग जून के तीसरे सप्ताह से लेके जुलाई के दूसरे सप्ताह तक आप इसकी बुवाई कर सकते हो अब बात करते हैं


अजीत सिड़की

 हमारे तीसरे किस्म के बारे में जी जो है अजीत सिड़की इसका नाम है अजीत श्वेता अरहर बहुत ही अच्छी किस्म है फसल अवधि है 10065 से लेकर 170 दिन का विशेषता अगर देखें तो एक हाइब्रिड किस्म है अधिक उपज देने वाली किस्म है, रोग और कीटों के लिए बहुत ही ज्यादा प्रतिरोधी किस्म है, इसलिए कई सारे किसान इसका चुनाव करते हैं, मोटे दाने होते हैं, भारी दाने आपको इसके मिलते हैं, इसलिए उपज भी बहुत ही अच्छी मिलती है, बुवाई का समय वही है, जून से लेकर जुलाई तक आप इसकी बुवाई कर सकते हो, 


निर्मल सीड्स

इसके बाद चौथे नंबर पे आती है निर्मल सीड्स की दुर्गा तूर, बहुत ही अच्छी वैरायटी है, फसल अवधि देखिए तो लगभग 170 से लेकर 180 दिन की ये फसल है, रबी मौसम के लिए बहुत ही उपयुक्त. तो फसल मानी जाती है, किस्म मानी जाती है, रोग कीटों के लिए भी बहुत ही अच्छी तरह से यह प्रतिरोधक है, अधिक उपज देने वाली किस्म है, इसके आपको मोटे, भारी दाने मिलेगी, इसके लिए आपको जो क्विंटल है, जो टनेज है आपका वो भी आपको बहुत ही अच्छा मिलेगा, 


अंकुर सिरस

आखिर में यानी पांचवें नंबर पे बात करते हैं अंकुर सिरस की प्रभार के बारे में, बहुत ही अच्छी किस्म है, लगभग 170 से लेकर 180 दिन का फसल अवधि इस किस्म का है, विशेषताएं देखें तो रब्बी मौसम के लिए बेस्ट किस्म मानी जाती है जल्दी फलिया आने वाली यह किस्म है, भूरे रंग के और मोटे दाने आपको इस किस्म से मिल सकते हैं, बुवाई का समय वही है, जून के तीसरे सप्ताह से लेकर जुलाई के दूसरे सप्ताह तक आप इसकी बुवाई कर सकते हो, उकटा रोग के लिए ये अत्यादिक, अत्याधिक प्रतिरोधी किस्म मानी जाती है, चलिए किसान भाइयों, जाते-जाते मैं आपको कुछ स्मार्ट टिप्स दे जाता हूं कि बुआई करने के लिए आपके पास अरहर के दो से लेकर 3 किलोग्राम बीच होना आवश्यक है, बुवाई आपको जून तीसरे सप्ताह से लेके जुलाई के दूसरे सप्ताह तक ही करनी है, ज्यादा देरी ना करें, बुवाई करते वक्त आपको बीजोपचार अवश्य करना है, 


FAQ:-

1 एकड़ में कितना अरहर होता है?

1 एकड़ भूमि में 1 किलो अरहर का बीज लगाते हैं.

अरहर का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन सा है?

महाराष्ट्र

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