2 4-d का उपयोग धान में | 2 Use of 4-D in paddy

 2 4-d का उपयोग धान में

 आज आपको बताएंगे अगर आपकी धान की फसल के अंदर चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार  हैं तो उसका नियंत्रण आप किस प्रकार करें? 

2 4-d का उपयोग धान में


किसान साथी अगर बात की जाए खरपतवार की तो जब भी हमारी फसल के साथ साथ कुछ अनावश्यक सूख जाते हैं, उन्हें हम खरपतवार कहते हैं। ये खरपतवार हमारी फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। पहला नुकसान तो ये है कि जब भी हमें हमारे फसल के अंदर कोई भी नुट्रिशन डालते हैं तो हमारी फसल के साथ साथ ये उस नुट्रिशन को ग्रहण कर लेते हैं और जो नुट्रिशन हमारी फसल को प्रॉपर तरीके से नहीं लग पाता और हमारी फसल कमजोर रह जाती है। दूसरा खरपतवार ठिकाने जो हमारी फसल है उसके अंदर है। के रोग उत्पन हो जाते है। क्योंकि कुछ ऐसे कीट है जिनका जो रैन बसेरा है वो खरपतवार है इसलिए खरपतवार का समय पर नियंत्रण आवश्यक है। जब भी हमारी फसल पकड़ तैयार हो जाती है तो खरपतवार जो है हमारी फसल की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाते जो उसकी गुणवत्ता है वो कम हो जाती है। इसलिए हमें समय रहते इस प्रकार के अनावश्यक का नियंत्रण करना विनाश करना आवश्यक है। किसान साथी अगर बात की जाए धान की फसल की तो धान की फसल में अनेक प्रकार के जो खरपतवार है वो बुझाते हैं। 

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धान की फसल में उगने वाले जोड़ी पत्ते वाले खरपतवारों के बारे में। किसान साथियों अगर बात की जाए चोरी पत्ते वाले खरपतवार तो धान की फसल के अंदर पिछले दो तीन वर्षों से ये समस्या आ रही है। की धान के अंदर जो चोरी पत्ती वाले खरपतवार है वो उगना शुरू हो गयी है। उसके ऊपर हमने बहुत से एक्स्पेरमेन्ट किये थे लेकिन हमने उसको स्प्रे भी करवाया था लेकिन वो एक्स्पेरमेन्ट फैल रही तो पिछले वर्ष हमने जो धान के अंदर चोरी पत्ते वाले खरपतवार है उसके लिए  2 4-d का स्प्रे करवाया था। अगर टू फोर डी की बात की जाए तो आपको 58% वाली का प्रयोग करना है। 

किसान साथियों, पिछले वर्ष हमने एक एकड़ के अंदर इसका एक्स्पेरमेन्ट करवाया था, जो काफी सक्सेस रहा। लेकिन अगर बात की जाए टू फोर डी की तो टू फोर डी धान के लिए नहीं है तो आप अपने विवेक के अनुसार इसका स्प्रे करें। किसान साथियों हमने जब ये पिछले वर्ष इसका स्प्रे करवाया था तो उस दान के अंदर चोर ही पत्ते वाले खरपतवार थे। हमारे यहाँ पर उन पौधों को मिर्ची का बोला जाता है तो हमने धान। फसल के अंदर ये जो टू फोर डी हैं उसकी 25 से 30 एम एल प्रति टैंक के हिसाब से जो डोस थी वो ली थी और जब हमने स्प्रे करवाया था उस समय धान की फसल के अंदर धान की खेत के अंदर नमी जरूर थी, लेकिन पानी खड़ा नहीं था तो 3 दिन तक। उसके बाद हमने उसके अंदर पानी भी नहीं दिया तो उसके काफी अच्छे और शानदार रिसाल्ट आए थे। तो हम आपको यही रेकमेंड करेंगे की अगर आपके धान की फसल के अंदर छोड़ी पत्ते वाले खरपतवार हैं तो आप टू फोर डी 58% का स्प्रे कर सकते हैं। 25 से 30 एम एल प्रति टैंक के हिसाब से। पांच से सात दिनों की। इसके के अंदर इसके काफी बेहतरीन रिसाल्ट आते हैं। 

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