धान में झुलसा रोग की पहचान
नमस्कार इसको किसान के आज हम चर्चा करते हैं धान की फसल में लगने वाले रोग शीत फ्लाइट यानी पत्र कुंचल पर लगने वाले झुलसा रोग के नियंत्रण के बारे में। इस समय धान के फसल में ये रोग कई जगह दिखाई दे रहा है। प्रभावित पौधों के तने के निचले हिस्से पर गहरे भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। जिनका किनारा ज्यादा गहरा पूरा रंग का और बीज का धब्बा थोड़ा हल्के भूरे रंग के दिखते हैं।
पहली दवा जिसके इस्तेमाल के बारे में हम आपको बोलना चाहेंगे वो है। 24% एस सी ये दवा बाजार में आपको इंसेक्टिसाइड इंडिया की शिल्पी रॉक इसको एम सी की नोजावा तो पारिजात एग्रो के कर्मी नामों से मिल जाएगी। इसकी एक मिलीलीटर मात्रा प्रति लीटर पानी यानी प्रति टंकी पानी में 16 मिलीलीटर इस दवा को घोलकर साफ मौसम में शाम के समय फसल पर छिड़काव करें। यदि 10 दिनों बाद रोग समाप्त नहीं होता तो एक दूसरा छिड़काव आप दवा को बदल कर करें। दूसरे छिड़काव के लिए आप फफूंद नाशक दवाओं के मिश्रण का उपयोग छिड़काव के लिए कीजिएगा। जैसे। 11% और 18.3% का मिश्रण जो बाजार में आपको इसको एम सी की शुक्रिया का धानुका के स्पेक्ट्रम। अरमा के कस्टोडिया नामों से मिल जाएगी। इसकी भी एक मिलीलीटर मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर फसल पर साफ मौसम में शाम के समय छिड़काव कीजिएगा।
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