आम के फूल की दवा
आम का भी सीज़न चल रहा है। और कहीं कहीं छोटे छोटे अमिया भी बनना स्टार्ट हो गया है। तो आम के जो फ्लोरिंग के समय जो एक सबसे बड़ी समस्या आती है कि इसके फूल का झड़ना और सेकंड अमिया का झड़ना तो इसके कुछ कारण रहते हैं जिससे झड़ते हैं तो आज के जो बड़े में हम लोग देखेंगे कि क्या क्या कारण होते हैं तथा हम लोग इसको रोकने के लिए क्या क्या उपाय कर सकते हैं?
सबसे पहले हम लोग देखते हैं कि आम आने के बाद उसके फूल के झड़ने की समस्या तो बॉल आने के बाद फूल झड़ने की समस्या के तीन कारण रहते हैं। पहला रहता है किट का अटैक, दूसरा रहता है फंगस का अटैक तथा तीसरा रहता है उनकी कमी। देखिए किट का अटैक सबसे ना पहला किट का अटैक किट में क्या रहता है कि उसमें छोटे छोटे कीट रहते हैं जो उसके रस कुछ चूसते रहते हैं। तो पौधे जितना भी नूडल्स फूल को भेजता है तो उतने उसके पास पहुँच नहीं पाते क्योंकि किट उसको खींच लेते हैं। उसके रस को तो उससे फूल कमजोर हो के झड़ जाता है। सेकंड ऑदर फंगस का भी सेम काम रहता है, फंगस भी उसमें फैल जाता है और उसके रस को चूसते रहता है, जिससे फूल झड़ जाते हैं। तीसरा रहता है नुट्रिशन की कमी नुट्रिशन की कमी भी एक कारण रहता है जो फूल के झड़ जाते हैं। तो फिर इसके क्या उपाय है? देखिए सबसे पहले कीट के लिए इसमें कोई भी अब सिस्टेमेटिक इंसेक्टिसाइड का यूज़ कर सकते हैं जैसे दूसरा वहिदा क्लोरोब्रिड तो इसमें से किसी एक के इंसेक्टिसाइड का आप यूज़ कर सकते हैं जिससे की जो उसमें कीट रहे वो खत्म हो जाए। सेकंड आप इसमें एक फंगी साइड भी ऐड कर सकते हैं जैसे की प्लस कार बेंडाजाइम का जो एक कॉम्बिनेशन आता है। जैसे की अपना ये साफ़ हो गया तो उसका भी आप यूज़ कर सकते हैं। इसके साथ साथ देखते हैं नुट्रिशन की कमी नुट्रिशन की कमी सबसे ज्यादा फ्लावरिंग के समय होता है। वो बोरन की और जिनकी तो इस समय आप एक स्प्रे बोरन सा ज़िंक का स्प्रे कर दीजिए।
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देखिए बुरहान का काम रहता है की उसके परागण क्रिया में सहायता देना सही तरीके से अगर पौधे पोलिनेट नहीं होगा, सही नहीं तरीके से अगर पौधे परागण नहीं होगा तो वो फूल झड़ेंगे ये भी एक कारण रहता है तो आप ये तीनों का स्प्रे करते है तो आपके फूल झड़ने की जो समस्या रहती है वो नहीं होती है। इसके बाद हम लोग देखते है की आफ्टर अमिया बनने के बाद उसमें क्या क्या परेशानी होती है। देखिये अमिया के बनने पर भी ये तीनों चीज़ की समस्या रहती है तो इंसेक्टिसाइड का फंगस का और न्यूट्रिशन का तो देखिये आफ्टर अमिया के बनने के बाद। अब उसमें कोई सिस्टेमेटिक इंसेक्टिसाइड का यूज़ कर सकते है। इसके 771 फंगी साइट कोई भी एक फंगी साइड का यूज़ कर ले। इसके साथ साथ आप उसमें एन ए ए हार्मोन जीसको हम लोग के नाम से जानते है तो एन ए हार्मोन का आपको 20 पी पी एम स्प्रे करना रहता है। रहने का मतलब आपको दो एम एल लेना है। साढ़े चार लीटर पानी में चाहे तो आप 30 भी कर सकते है लेकिन 20 से कम ना करे। इसके साथ साथ आप उसमें 0050 जिसमे पोटाश होती है तो आप उसको भी साथ में मिला के स्प्रे कर सकते है।
आप हार्मोन सादा पोटाश दोनों को मिला सकते है। वो कंफर्टब्ल है, उससे कुछ प्रॉब्लम नहीं होगा तो इसका आप स्प्रे करते है तो आपके आम के जो फसल है उसकी जो अमिया जो झड़ने की समस्या है वो दूर हो जाएगी। और आप ऐन ए हार्मोन का यूज़ फ्लावरिंग के समय ना करें। फ्लावरिंग के बाद जब उसमें अमिया जब मटर के दाने के साइज के हो जाए तो उस समय आप उसमें एन ए हार्मोन का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर ये दोनों चीज़ अगर ये दोनों समय में आप स्प्रे करते हैं तो आपके आम के जो फसल के फूल तथा फल के जो झड़ने की समस्या है वो दूर हो जाएगी और निश्चित है कि अगर आपके फसल के फूल देता फल निहरते हैं तो बिलकुल आपको उत्पादन भी अच्छे से मिलेगा और आम के साइज भी। एन ए हार्मोन डालने के बाद थोड़ी सी उसमें बढ़वार होगी।
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