मूंग की फसल में यूरिया | urea in moong crop

 मूंग की फसल में यूरिया

  मूंग की खेती है उसमें यूरिया डाले या ना डाले और अगर डाले तो कब डाले इसकी मैं आपके साथ बात करने वाला हूँ। 

मूंग की फसल में यूरिया


तो चलिए किसान भाइयों शुरू कर लेते हैं, सबसे पहले बात कर लेते हैं कि जो मूंग की खेती में यूरिया डालें तो कब डाले और अगर या फिर नहीं डाले तो सबसे पहले मैं आपको मूंग की छोटी सी एक जानकारी दे देना चाहता हूँ जैसे कि आपको पता है खेती करते क्यों हैं दो कारण?


 इसके जिसकी वजह से हम मूंग की खेती करते हैं। जो पहला काम तो यही है की जो जमीन है वो खाली रह जाती है। उसको खाली ना रहे और तीसरी फसल जो हम थोड़ा मुनाफा ले ली, इसके लिए हम उनकी खेती करते हैं। दूसरा कारण जो है दूसरा कारण ये मेन कारण है कि जो मूंग जो है वो हमारी धरती को जो है, रिचार्ज करते हैं, समझते हैं आप रिचार्ज को मतलब जो भी कमी होती है, धरती में लगातार फसलों की वजह से मूंग जो है उसको काफी हद तक पूरा कर देती है। मूंग की खेती तो क्यों पूरा देती है? कैसे पूरा का देती है? उसकी भी आपको जानकारी दूंगा तो मूंग की जो पौधा है उसकी जरूरत में राई जो भी बैक्टीरिया होता है।

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उसका क्या काम होता है? वो क्या करता है? वो करता है जो वातावरण है। हमारा आसपास का जो वातावरण है वहाँ से वो जो है, नाइट्रोजन को खींच लेता है और नाइट्रोजन को जो है चूस लेता है। मतलब जो नाइट्रोजन वही नाइट्रोजन, यूरिया में होती है, जो हम खेत में डालते हैं और वही नाइट्रोजन को वो वातावरण से ले लेता है तो फिर आप भी समझदार है कि अगर वो वातावरण से पहले ही नाइट्रोजन ले लेगा तो उसको नाइट्रोजन की जरूरत क्यों पड़ेगी?


तो हम उसमें यूरिया क्यों डालना पड़ेगा? आप खुद भी सोचिए क्योंकि मैं आपको बताना चाहूंगा जब वो खुद ही अपनीआप वो नाइट्रोजन को बना लेता है, अपने आप ले लेता है, नाइट्रोजन को वातावरण से खींच लेता है, जैसे कुछ बोल दे, पानी ले लेते हैं और कई कई सालों तक जो है बिना पानी के भी जीवित रहते हैं। वातावरण से पानी नमी जो ले लेते हैं, उसी तरह से जो मूंग है, इसका जो बैक्टीरिया है।


तो वो जो है वो नाइट्रोजन को वातावरण से चूस लेता है और पौधे के अंदर जो है वो नाइट्रोजन जो है आ जाती है और लास्ट में जो है धरती को भी रिचार्ज ही मूंग का पौधा करता है तो किसान भाइयों मैं आपको बताना चाहूंगा कि मूंग में यूरिया करना तो सप्रे करने की जरूरत है और ना ही डालने की जरूरत है। बिल्कुल भी मत कीजिए, ये मूंग तो जो है खुद यूरिया को जो है अपने आप जो है अपना जो इसकी आवश्यकता होती है उसको पूरी कर लेता है तो आपको यूरिया डालने की इसमें कोई जरूरत नहीं है। इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखिए कुछ लोग जो है डालते हैं तो मैं मानता हूँ कि इस बार जो है पैसा मत लगाइए। इसके जगह पैसा आप जो है मुँह की किसी और चीज़ पर हमजी साइड वगैरह। जो भी सफर ही है, उन पर आप प्रयोग कर सकती हैं। जो खरपतवार वाराणसी। आप बोल सकते हैं हार्बिसाइड उनका उपयोग आप कर सकते हैं।


तो जो है आपको यूरिया पर पैसे लगाने की कोई जरूरत नहीं है। कई प्रकार की फसलें होती है जैसे ढांचा हो गया या फिर एक दो और फसल है और जैसे मूंग हो गया। ये अपने आप खेत को रिचार्ज करने के लिए लगाई जाती है। यह जो है इनको जो है खाद की जरूरत नहीं होती। यह नाइट्रोजन को अपने आप बना लेती है, खुद बना लेती है। जड़ों से इनके पास बैक्टीरिया ऐसे होती है इनकी जड़ों में की जो नाइट्रोजन खुद बना लेती है 

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