गेहूं में जिंक का प्रयोग कब करें
वो काफी लम्बी समय तक आपके खेत में बनी रहती है लेकिन जो हम छिड़काव के माध्यम से देते हैं वो उतना लंबे समय तक नहीं बनी रहती। उसको हमें दो बार देना पड़ता है। लगभग 20 25 दिन के बाद फिर से हमें देना पड़ता है मानसून। चलिए एक महीना के अंदर आपको लुभाला छिड़काव करना पड़ेगा। अगर आपके वहाँ पे जिनकी कमी देखी जाती है तो अब हम जानते हैं कुछ और बातें जो जिनके बारे में आपको शायद ना पता हो। पहली बात तो आपको ध्यान रखना कि अगर आपने गेहूं की फसल उस खेत में लगाई हुई है जहाँ पे आपने पिछली बार धान की फसल लगाई हुई थी और आपने धान की फसल में धान के खेत में खाद का प्रयोग किया था। अगर आपने पिछले 1 साल की अंदर उस खेत में ज़िंक खाद का प्रयोग किया है तो इस समय गेहूं की फसल में जिंक का प्रयोग करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। पैसे की बर्बादी के अलावा आपको कुछ मिलने वाला नहीं है। अगर हाँ, आपको जिनके कमी के जो लक्षण है वो दिखाई देते हैं तब आप जरूर कर सकते हैं और लक्षण आपको तभी दिखाई देंगे जब आपको जब आपने जिंक का प्रयोग नहीं किया होगा। हो सकता है अगर आपके वहाँ पे जो आप अगर आप तड़ाई वाले छत से हो जहाँ पे बहुत ज्यादा पानी का भराव रहता है तो वहाँ पे जी की कमी देखी जाती है।
लेकिन हाँ, अगर आपने पिछले एक डेढ़ साल में ज़िंक का प्रयोग किया है तो उतना जल्दी कमी नहीं हो जाती है तो इस बात का आपको ध्यान रखना है अगर आपने एक डेढ़ साल के अंदर ज़िंक किसी भी फसल पे किया होगा, मिट्टी में किया होगा। मैं छिड़काव की बात नहीं कर रहा हूँ। अगर आपने जमीन में दिया होगा यूरिया के साथ मिलाके तब आपको गेंहू की फसल में ज़िंक का प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे क्षेत्र जहाँ पे तदाई इलाके होते हैं जहाँ पर पानी भरा रहता है वहाँ पे जिनकी कमी अक्सर देखी जाती है वहाँ पर स्प्रे के माध्यम से भी इसकी पूर्ति कर सकती है जो हम छिड़काव विधि से देते हैं।
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FAQ:-
गेहूं की फसल में जिंक डालने से क्या फायदा होता है?
इससे पौधों में हरापन आता है और अधिक कल्लों का फुटाव होता है.
1 एकड़ में जिंक कितना लगता है?
10 किलोग्राम
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