1692 धान कितने दिन में तैयार होता है
धान की नई किसम पूसा बासमती 1692 से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी। आई सी आर दवारा जून 2 हज़ार 20 में विकसित की गई धान की नई किसम पूसा बासमती 1692 काफी हद तक किसानों की आमदनी बढ़ाने में मददगार साबित होगी।
आइये बात कर लेते है पुसा बासपती 1692 की कुछ विशेषताएँ जो इसको अन्य किस्मों से अलग बनाती है इसके औसत चौबिस से 28 को प्रति एकड़ तक। इसके अलावा सबसे खास बात ये है की मात्र 100 से 115 दिनों में पककर तयार हो जाएगी जिससे लगभग 4 से 6 पानी की सिंचाई की आवश्यकता आपको कम पड़ेगी जिससे आप 33 परसेंट तक पानी की बचत कर सकते हैं। धान की नई किस्म पूसा बासमती पंद्रह सौ 9 की तुलना में प्रति एकड़ 5 क्विंटल ज्यादा पैदावार देगी यानी इससे किसानों को प्रति एकड़ सताईस क्विंटल तक पैदावार प्राप्त होगी। यह 5 दिन पहले पक कर तैयार हो जाएगी। इस किस्म का चावल ज्यादा टूटता नहीं है और साथ ही लगभग 50 प्रतिशत खड़ा चावल निकलता है। बता दें कि दिल्ली, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बासमती जीआई टैग क्षेत्र के लिए इसकी अनुशंसा की गई है।
ये भी पढ़े:-मिर्च का पौधा बढ़ाने की दवा
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, आई ए आर आई पूसा की माने तो यह किस्म कम अवधि वाली फसल है। इस किसम से सिर्फ 115 दिनों में पककर तैयार हो जाएगी। फसल जल्दी पककर तैयार होने के कारण बाकी समय में उसी खेत में आप अन्य उपज पैदा कर अधिक लाभ कमा सकते हैं। पूसा वैज्ञानिको के अनुसार धान की नई किस्म पूसा बासमती 1692 की 5 किलो बीज प्रति एकड़ ही काफी रहेगा। लेकिन यहाँ पर सभी किसान साथियों को मैं कहना चाहूँगा। धान की कोई भी नई वैराइटी आती है तो आप उसको बड़े स्तर पर न लगाये आप 1 बार उसको आइजमाइसकेलिए 1 या 2 एकड़ में लगा कर के देख सकते है। जब आपको ये बीज अच्छा लगे तो अगले साल आप इसको बड़े स्तर पर भी लगा सकते हैं। आई सी आर ने भी 25 से 27 फरवरी तक आयोजित हुए कृषि मेले में किसानों को इस किसम के मात्र 2 किलो बीज प्रति किसान ही वितरित किया है ताकि किसान भाई इस वैराइटी को लगा कर देख सके। धान की इस नई किसम में आपको फसल के गिरने की समस्या बहुत ही कम यानि न्याय के बराबर देखने को मिलेगी और साथ वे इसमें रोग कीटों सी लड़ने की क्षमता भी ज्यादा है।
एक टिप्पणी भेजें