202 चना की वैरायटी

202 चना की वैरायटी

 किसान भाइयों। आज हम आपको चने की नई किस्म आर वी जी 202 की जानकारी देंगे। 

202 चना की वैरायटी


चने की बोवनी का समय बोवनी के लिए अनुकूल समय 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर है। लेकिन आर वी जी 202 किस्म को दिसम्बर के पहले सप्ताह तक बोल सकते हैं। शनि के बीज दर बीज दर 75 से 80 किलो प्रति हेक् टेयर है। पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर होना चाहिए। कतार से कतार की दूरी 30 सेंटीमीटर होना चाहिए। बोवनी के लिए जो बीज उपयोग में लाए, उनकी अंकुरण क्षमता 60 फीसदी होना चाहिए। ऐसे करें बीज उपचार बीज जनित रोगों से बचाने के लिए इसे राइजोनियम कल्चर से उपचारित करें। बीज शोधन के पहले बीज उपचार करें, जिससे कवकनाशी की परत जम जाए सिंचाई। चने की खेती में पहली सिंचाई फूल आने से पहले अर्थात बोने के 40 दिन बाद सिंचाई करने की जरुरत है। दूसरी सिंचाई गाने भरने की पर यानि बोने के 75 दिन बाद करनी चाहिए। उत्पादन 35 क्विंटल प्रति हेक्टे उत्पादन। आर बी जी 202 की खासियत। इसको मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात और महाराष्ट्र के लिए यह किस्म तैयार की गयी है। 

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दानों का आकार बड़ा होता है। सौ दाने का वजन 22 ग्राम होता है, जबकि अन्य में पंद्रह से 20 ग्राम होता है। नवम्बर के अंतिम सप्ताह और दिसम्बर के पहले सप्ताह में लगा सकते हैं। यह फरवरी मार्च की गर्मी को भी सहन कर लेगी, अन्य वैरायटी गर्मी सहन नहीं कर सकती है। इस कारण दाना नहीं बन पाता है। फसल को नुकसान होता है। यह किस्म विल्ट एस्कोकिताब्लाइट जर सरनी प्रतिरोधक है। यह सिंचित और असिंचित दोनों के लिए सहनशील है। खेत में नमी बनाये रखने के लिए 1 या 2 सिंचाई की होगी। जरूरत पचीस माइनस 30 क्विंटल प्रति हेक्टे उत्पादन। आर्मी जी 202 नई किस्म की वैराइटी छूटे हुए रकबे की भरपाई करेगी। किसानों को आर्थिक रूप से फायदा भी होगा। 

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