चने की फसल में सिंचाई कब करें
चने की सूखी खेती ही की जाती है लेकिन चने में निश्चित समय पर 2 हल्की सिंचाई करने पर उपज में बहुत ज्यादा कर सकते है। लेकिन चना पानी के मामले में थोड़ा सेंसिटी होता है इसलिए खेत में ज्यादा जल भरा हुआ या गलत टाइप के सिंचाई हो जाने पर फायदा होने के बजाय बहुत बड़ा नुकसान भी हो सकता है। तो आज हम बात करेंगे की चने की फसल में पानी लेने का सही समय क्या होना चाहिए यानी चने की कौन सी अवस्था पर पहली और दूसरी सिंचाई करनी होती है।
चने की फसल में सिंचाई को लेकर विशेष सावधानी रखनी होती है। तो चने में पहली सिंचाई की बात करे तो बोआई के 40 से 60 दिनों के बाद या कह सकते है की पौधों में शाखाएं बनते समय या फिर कह सकते है की पौधों में फूल आ जाने से पहले पहली सिंचाई कर देनी चाहिए। अगर पौधों में फूल आ जाने के बाद अगर सिंचाई कर दी तब वृद्धि पकड़ लेंगे फूल झरने लगेंगे जिससे उपज में गिरावट आ जाती है। तो ध्यान रखना है की फूल वाली अवस्था पर भूल से भी सिंचाई न करें। और दूसरी सिंचाई की बात करे तो पौधों के ऊपर फलियाँ बन जाने के बाद यह कह सकते है की फलियों में दाना बनते समय दूसरी सिंचाई अवश्य कर देनी चाहिए और अगर आपके पास 1 ही सिंचाई उपलब्ध हो तब फलियों में दाना बनते समय ही कर दे जिससे बहुत ज्यादा फायदा होगा। दानों का भराव अच्छा होगा जिससे वजन भी ज्यादा मिलेगा। दोनों सिंचाई के दौरान ध्यान सिर्फ इतना रखना है की खेत में जल भराव बिल्कुल भी न हो। हल्की सिंचाई देने की ही कोशिश करें।
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