चने की बुवाई का समय
हम चने की खेती के बारे में बात करेंगे। चने की बुआई कैसे करना चाहिए। बहुत से किसान भाई सूखे खेत में चने की बुआई करते है। कुछ किसान पर लेवा करने के बाद चने की बुवाई करते हैं। दोनों ही तरीके अपने अपने स्थान पर है।
हम बात करेंगे कि चने की बुआई का सही तरीका कौन सा है और किस तरीके से चने की बुआई करने से किसानों को ज्यादा फायदा मिल सकता है।
किसान भाइयों भारत के वो क्षेत्र जहाँ पर पानी की उतनी ज्यादा उपलब्धता नहीं है। कहने से मेरा मतलब है कि किसान भाई ज्यादा सिंचाई नहीं कर सकते हैं। उन क्षेत्रों के लिए चने की खेती वरदान है और चने की खेती से किसान भाई कम से कम लागत में ज्यादा उत्पादन ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। चने की बुवाई के बारे में बात करें तो नवम्बर के महीने में चने की बुवाई शुरू हो जाती है। चना 1 दलहनी फसल है। कम सिटी वाले क्षेत्र में चने की बुआई करना लाभदायक होता है। चने की बुआई के बारे में बात करें तो चने की बुआई 2 तरीकों से होती है। पहला सूखे खेत में चने की बुआई और दूसरा पर लेवा करने के बाद चने की बुआई। बात करते हैं कि किसान भाइयों को चने की बुआई किस प्रकार से करना चाहिए। किसान भाइयों अगर आपके क्षेत्र में पानी के बहुत ही कम संसाधन हेतु आप सूखे खेत में चने की बुआई कर सकते हैं। इसमें पानी की बचत होती है। इसके अलावा चने की खेती बुआई हो जाती है, लागत कम आती है। लेकिन इस तरीके से बुआई करने से शुरुआती खर पतवार ज्यादा उग जाते हैं। जिन को कंट्रोल करना काफी ज्यादा मुश्किल है।
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वैसे यह तरीका काफी अच्छा है। कम मेहनत में किसान भाई इस तरीके से चने की बुआई कर सकते हैं। अब बात करते हैं पर लेवा करने के बाद चने की बुआई के बारे में। तो खेत में सबसे पहले कैरे डलवाकर आपको पर लेवा करना है। उसके बाद जब नमी सूख जाती है, खेत की अच्छे से तैयारी करना है और फिर से चने की बुवाई आपको कर देना है। इस तरीके में फायदा यह मिलता है कि जो खेत में अच्छी नमी रहती है उससे चने की गहराई में बुआई हो जाती है। जिससे चने का अंकुरण अच्छे से होता है। चने की जड़ें अच्छे से विकसित होती है। जड़ें जमीन में गहराई तक जाती है जिससे पोषक तत्वों का संचार होता रहता है। और पलेवा करने के बाद बुवाई करने से शुरुआती कर पर पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। यह फायदा किसानों को मिलता है। लेकिन इस तरीके से आप चने की बुआई करने में थोड़ा समय लगता है क्योंकि पहले हम पलेवा करेंगे बाद में खेत से नमी को सुखाएंगे उसके बाद हम चने की बुवाई कर पाएंगे।
लेकिन चने की बुआई का काफी अच्छा तरीका है किसान भाइयों बात करते हैं कि आपको किस प्रकार से चने की बोनी करना चाहिए इन दोनों तरीकों में से किसी भी तरीके से आप चने की बुवाई कर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं। लेकिन बहुत से किसान भाई पर लेवा करने के बाद चने की बोवनी करते है इससे चने की बुआई गहराई पर हो जाती है और खरपतवारों को कंट्रोल भी किया जा सकता है। इसलिए आप पलेवा करने के बात चने की बुवाई कर सकते हैं अगर आपके यहाँ पर पर्याप्त मात्रा में सिंचाई के संसाधन हो तो अगर आपके यहाँ पर जाती ज्यादा पानी की उपलब्धता नहीं है तो आप डायट सूखे खेत में चने की बुवाई करें बाद में पानी लगा सकते हैं
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