343 गेहूं बोने का समय

 पी बी डब्ल्यू 343 की सम्पूर्ण जानकारी आप सभी को बताएंगे। किसान भाइयों अगर पी बी डब्ल्यू 343 की बात करें तो ये एक गेहूं की किस्म है जो समय पर बुवाई और सिंचित परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है। 

343 गेहूं बोने का समय

 परिपक्वता पर इस किस्म के पौधों की उचाई 100 से 110 सेंटीमीट होती है या किस्मत धारी न तोआ यानी पीला रतवा पत्ती रतवा यानी मूरा रतवा और करनाल बंट के लिए प्रतिरोधी है। हालांकि, इसे लूज़ के हमले से बचाने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। उच्च उर्वरता की स्थिति में किस्म अच्छी तरह से बढ़ती है। इसकी प्रोटीन सामग्री जो है वो 11-12 प्रतिशत है। इस समय ये जो किस्म है पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर के सिंचित क्षेत्र में बोई जाती है। है किसान भाइयों इसके अगर हम सामान विशेषताएं की बात करें तो रिलीज़ का जो साल था 1996 था। यानी 1996 में इस किस्म को रिलीज़ किया गया था। सी वि आर सी द्वारा किस्में ये जो है जारी की गई थी। इस किस्म को पी ए यु लुधियाना द्वारा विकसित किया गया था। एन डब्ल्यू पी ज़ी क्षेत्र में इस किस्म को व्यापक रूप से अपनाया जाता है। किसान भाइयों इसके पौधे की विशेषताएं की बात करें।

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 तो इस किस्म की वृद्धि आदत अर्ध सीधा है। कोलैप्स का रंग हरा होता है। किसान भाइयों और हम कोलेप्टाइल की बात करे तो जैसे मान लीजिए की ये आपका गेहूं का बीज है और जब इसका अंकुरण तेज़ी से होता है तो इसके अगल बगल में एक सफेद कलर की आपको पन्नी दिखाई देती है। सिंपल भाषा में हम इसे कोलेप्टाइल कहते है। इसके पत्ते का रंग जो है वो गहरा हरा होता है। इसे पकने में या ऐसे शीर्षक देने में लगभग से 100 दिन लगते है। है। यानी पौधे में जब बालिया निकलती है तो उस समय ये जो अवधि है वो 100 दिन की होती है। इसके पौधे के डेंटल की लंबाई कम 30 सेंटीमीटर होती है और डेंटल का जो रुख है वो सीधा होता है। किसान भाइयों। उसके बाद हम बात करेंगे। ईयर के लक्षण के बारे में इसे इयर भी कहते हैं। स्पाइक भी कहते हैं और हेड भी कहते हैं। पौधों में की गोलियों में सिस्टम्स होता है। इसे हम कहते हैं इनफ्लोसेंस इनफ्लूसेन्स का मतलब यह होता है किसी भी पौधे का बहाव जहाँ पर जो फ्लावर वाला सिस्टम बनते हैं। उन्हें इन्फ्लोसेंस कहा जाता है। इन्फ्लॉसन्स में एयर होते है, स्पाइक होते और हेड होते है। जैसे मान लीजिए की अपना गेहूं का बीज है तो बीज जो है वो दो आवरण से ढका होता है। इसके एक आवरण को हम लेमो कहते है और दूसरा जो आवरण होता है इसे पेली कहा जाता है। गेहूं के बीज में एक इस प्रकार की जेक जेक लाइन होती है और लाइन्स के ऊपर का जो भाग होता है इस भाग को हम ओम्स कहते है। स्पाइक की लम्बाई जो है मध्यम नो से 12 सेंटीमीटर होती है। जिसमें 18 से बिग स्पाइकलेक्ट होते हैं। प्रत्येक स्पाइक में 56 से 58 बीज होते हैं। इसकी जो लंबाई होती है मध्यम 6.6 है, 10 सेंटीमीटर होती है 

343 गेहूं की पैदावार कितनी होती है?

यह 46 से 50 क्विंटल पर हेक्टेयर की औसत ऊपर देती है। किस्म सामान रूप से परिपक्व होने में लगभग 126 से 134 दिन का समय लेती है।

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