2069 सोयाबीन की जानकारी

 हम जे एस 2069 उन के बारे में बात करेंगे। क्या क्या विशेषताएं हैं, किन किन क्षेत्रों में इसे लगाया जा सकता है और इस सोयाबीन की वैराइटी से कितना उत्पादन आप ले सकते हैं। इन सब की पूरी जानकारी आपको इस  में मिलेंगे। 

2069 सोयाबीन की जानकारी

 जवाहरलाल करके विश्वविद्यालय जबलपुर मध्य प्रदेश द्वारा किसानों के लिए यह किस्मत जारी की गई थी, जिसका पूरा नाम है जेएसबीसी में शामिल एक उन्नत वैराइटी है जो दिन के आसपास पकड़ा तैयार हो जाती है। विपरीत परिस्थितियों में भी यह वैरायटीस अच्छा उत्पादन देने की क्षमता रखती है। ये वैरायटीस मुख्य रूप से पीलामोजक वायरस झुलसा, सडन पत्ती लपेट यानी के पत्ती सपोर्ट आदि रोगों के प्रति सहनशील वेरायटी है। इस वैरायटीस में इल्लों का अटैक भी काफी कम देखने को मिलता है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी ज्यादा है और रोगों के प्रति ये सहनशील वैरायटीस है। इस वैरायटीस में दिन के आसपास फूल आने की अवस्था प्रारंभ हो जाती है और फूलों का रंग सफेद होता है। फलियों के बारे में बात करें तो फलियों के बुरे रंग की समस्या नहीं आती है। यानी कि गोलियों में चटकने की समस्या भी देखने को नहीं मिलती है और 100 दानों का वजन ग्राम के आस पास होता है। जेएस सोयाबीन की कुछ मुख्य विशेषताएं के बारे में बात करें तो यह लगभग दिन के आसपास पूरी तरह से भागकर तैयार हो जाती है। 

ये भी पढ़े:-लौकी के फल का सड़ना

इस वैरायटीस का अंकुरण भी अच्छा है और इस वैरायटीस का जो उत्पादन है वो अन्य वैरायटीस की तुलना में काफी शानदार है। विपरीत परिस्थितियों में भी यह वैरायटीस अधिक उत्पादन देने की क्षमता रखती है। मुख्य रूप से इसमें पीला मौजूक वायरस का अटैक बिल्कुल भी नहीं होता है। मौसम के प्रति भी यह कुछ हद तक सहनशील वैरायटीस है। यानी कि बरसात लंबे समय तक होती है या समय पर बरसात नहीं होती है तो भी इस वैरायटीस में उतना ज्यादा नुकसान नहीं होता है और वह देखा जाए। सोयाबीन पुरानी वैरायटीस जरूर हो गई है, लेकिन आज भी किसान भाई इस सोयाबीन को लगाकर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं और सोयाबीन की खेती से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *